जेसे को तेसा , कितना सही कितना गलत ?

आप ये article पढ़ रहे है मतलब आप इंसान ही होंगे। इंसान वह प्राणी है जिसे सोचने समझने के लिए अपना दिमाग अपनी बुद्धि मिली हुई है। तो हमे किसी वाक्य या किसी की कही बातों को सीधे अमल में न ला कर,खुद उस पर विचार करना चाहिए।

यह जरूरी नहीं के जो कहा गया है वह हर परिस्थिति के लिए सही हो। परिस्थिति के अनुसार उचित निर्णय लेना आवश्यक है। हम कोई भोले पशु-प्राणी नहीं है जो अपने मालिक की बातों का पालन करे। इस बात को और अच्छे से समझने के लिए कुछ उदाहरण की मदद लेते है ।

गुरु एवं शिष्य के संबंध मे यह वाक्य बिल्कुल गलत साबित होता है: यदि गुरु अपने शिष्य को किसी गलती के लिए दंडित करता है तो क्या शिष्य को द्वेष की भावना रखनी चाहिए ? नहीं शिष्य को यह समझना होगा की वह उसीके भले के लिए है। यह निर्णय भी शिष्य को परिस्थिति देख कर ही लेना चाहिए, की दंड देने के पीछे गुरु की मनशा क्या है ।

अगर यह वाक्य उतना ही उचित होता तो बच्चे कब के अपने मातापिता की हत्या कर देते , क्योंकि मातापिता को कई बार अपने बच्चों के लिए कठिन निर्णय लेने पड़ते है, उसे गलत रास्तों से बचाने के लिए व्यवहार कठोर रखना पड़ता है। इसका अर्थ यह तो नहीं की वे उनके दुश्मन है , वे हमारा सुख ही चाहते है बस फर्क नजर का है हम नादानी मे नहीं समझ पाते के हमारे लिए क्या उचित है । हमे लगता है की मे जो भी करना चाहता हूँ वो सब इन्हे गलत लगता है । कई बार हम उन्हे समझने मे सफल नहीं हो पाते , जाहिर है की मन की स्थिति के अनुसार हमे एक दूसरे की बातों को समझने मे देर लगती है।

अगर सही तरह से ज़िंदगी को समझना और जीना है तो सिर्फ दूसरों की बातों को दिमाग मे बेठा कर नहीं , हमे उस विषय पर अपनी समझ भी लगानी होगी , इन दिनों मे ओशो को सुनने मे बोहोत रुचि रखता हूँ , उनके विचार उनके तर्क से मे प्रभावित हूँ , लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं के मे उनकी बातों को बिना सोचे समझे अपना लूँ । अगर में ऐसा करता हूँ तो मेरा जीवन मेरा रहा ही नहीं क्योंकि हमने दूसरों की विचार धार को अपने ऊपर थोप कर उन्ही का जीवन अपना लिया। फिर उसमे में तो में रहा ही नहीं। लोगों से सीखना अच्छी आदत है लेकिन बिल्कुल अंध होकर उनके पग चिन्हों पर चलना वो कहाँ की समझदारी है।

किसी IPS Officer ने अपनी स्पीच में कहा था “सुनो सब की करो मनकी” ऊपर लिखे गए पूरे भाषण का मूल यह वाक्य है । लेकिन आपको पूरी तरह समझना मेरा उद्देश्य था इसलिए माना उदाहरण का उपयोग किया।

आशा करता हूँ यह आर्टिकल पढ़कर आपका समय व्यर्थ नहीं हुआ होगा अगर कुछ गलती आपको नजर आई हो तो जरूर से बताए और अगर आपको लगे की इसे पढ़ने से किसी का अच्छा हो सकता है तो जरूर से शेर करें        

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